Connect with us

जिला प्रशासन की संजीवनी से नये स्वरूप में लौटा मायाकुंड सामुदायिक केन्द्र; स्वतः संचालन शुरू

उत्तराखंड

जिला प्रशासन की संजीवनी से नये स्वरूप में लौटा मायाकुंड सामुदायिक केन्द्र; स्वतः संचालन शुरू

देहरादून: मायाकुण्ड सामुदायिक केन्द्र अब नए रूवरूप विकसित हो गया है। जिसका स्वतः संचालन शुरू कर दिया गया है। जिलाधिकारी सविन बसंल के संज्ञान में मामला आते ही डीएम ने प्रशासक रहते 43 लाख स्वीकृत किये थे।

सामुदायिक केन्द्र की बहुउपयोगिता बच्चों की शिक्षा, महिला सारक्षरता, महिला कौशल की गतिविधिति संचालित हो होती है। पैरा खिलाड़ी नीरजा गोयल देवभूमि चेरीटेबल ट्रस्ट डीएम से मिली तथा अपनी बात उनको बताई कि उनके द्वारा भी सांयकालीन महिला सिलाई प्रशिक्षण एवं स्थानीय बच्चों को रेमेडियल टीचिंग करायी जाती है तथा इस भवन को उपयोग में लाया जा रहा है, उन्होंने भवन मरम्मत का डीएम से अनुरोध किया। जिस पर डीएम ने टीम भेजकर भूमि की जानकारी तथा आंगणन प्राप्त करते हुए कार्य स्वीकृति प्रदान की गई।

जिला प्रशासन की संजीवनी से मायाकुंड सामुदायिक केन्द्र; नये स्वरूप में लौट आया है जिसका संचालन शुरू हो गया है। मा0 मुख्यमंत्री की जन कल्याणभावना से प्रेरित; डीएम के जनहित में लिए गए निर्णय जनमानस कल्याण को समर्पित हैं।

पैरालम्पिक दिव्यांग, खिलाड़ी द्वारा दिव्यांगों के इलाज और बच्चों के पठन-पाठन हेतु सहायता निवेदित थी। देवभूमि चेरिटेबल ट्रस्ट संचालिका पैरा खिलाड़ी नीरजा गोयल के अनुरोध पर व्यापक जनहित, दृष्टिगत प्रशासक रहते डीएम ने सामुदायिक केन्द्र मायाकुण्ड की मरम्मत को 43 लाख फंड स्वीकृत करते हुए त्वरित कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश दिए गए थे। केन्द्र में महिला साक्षरता, कौशल विकास, बाल शिक्षा, आदि गतिविधियां संचालित की जाएंगी।

सामुदायिक केन्द्र की बहुउपयोगिता के दृष्टिगत डीएम ने निगम के प्रशासक रहते इसका निर्णय लिया था। देवभूमि चेरीटेबल ट्रस्ट द्वारा सांयकालीन महिला सिलाई प्रशिक्षण,स्थानीय बच्चों को रेमेडियल पढाई जाती है।

यह भी पढ़ें 👉  हरिद्वार में कैलाशानंदजी महाराज द्वारा ‘एक ईश्वर’ ऐप का ऐतिहासिक शुभारंभ"

सामुदायिक केन्द्र मायाकुण्ड जो नगर निगम ऋषिकेश की सम्पत्ति है। इस सामुदायिक केन्द्र में निकटवर्ती वार्ड मायाकुण्ड, चन्द्रेश्वर नगर, भैरव मन्दिर आदि के स्थानीय नागरिकों द्वारा सामुदायिक कार्य सम्पादित किये जाते हैं। सामुदायिक केन्द्र मायाकुण्ड अत्यधिक जीर्णशीर्ण स्थिति में था जिस कारण स्थानीय लोगों को अपने सामुदायिक कार्यों को करने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है, जिसका डीएम ने संज्ञान लेते हुए भवन का जीर्णोद्धार कराया। अब सामुदायिक भवन तैयार है जिसका संचालन शुरू हो गया है तथा बाहरी उपरी परिसर पर निर्माण कार्य गतिमान है।

Latest News -
Continue Reading
Advertisement
Advertisement

उत्तराखंड

उत्तराखंड

Advertisement

देश

देश
Advertisement

Advertisement Video

ट्रेंडिंग खबरें

Advertisement Video

Advertisement
To Top
0 Shares
Share via
Copy link