उत्तराखंड
एमवी एक्ट के नियमों में बदलाव के विरोध में हड़ताल पर निजी ट्रांसपोर्टर, जगह-जगह प्रदर्शन…
Drivers Strike: केंद्र सरकार की ओर से एमवी एक्ट के नियमों में बदलाव को लेकर उत्तराखंड सहित देशभर में निजी ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर है। आज से तीन दिवसीय हड़ताल शुरू हो गई है। ट्रांसपोर्टर की हड़ताल से ज्यादातर निजी बस, टैक्सी, मैक्सी, ट्रेवलर, विक्रम आदि हड़ताल पर हैं। ट्रांसपोर्टर केंद्र सरकार के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसका असर प्रदेश के साथ-साथ रामनगर, हल्द्वानी में भी देखने को मिल रहा है। इस वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार हिट एंड रन केस के नए प्रावधान को लेकर ट्रांसपोर्ट नगर व्यापारी एसोसिएशन ने केंद्र सरकार की ओर से लागू नए प्रावधान को लेकर नाराजगी जताई और विरोध में प्रदर्शन भी किया। सरकार से इस प्रस्तावित कानून पर पुनः विचार करने की मांग की गई है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रीमंडल ने वाहन से दुर्घटना होने पर चालक को 10 वर्ष का करावास और पांच लाख अर्थदंड वसूलने के नए प्रावधान के विरोध में ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट यूनियन कांग्रेस ने तीन दिनी देशव्यापी हड़ताल का एलान किया है। महासंघ टैक्सी यूनियन कुमाऊं मंडल ने भी सोमवार से होने वाली हड़ताल को समर्थन दिया है। ऐसे में आज से बुधवार तक टैक्सियां नहीं चलेंगी। इस अप्रत्याशित हड़ताल को लेकर किसी अधिकारी को जानकारी नहीं थी।
वहीं उत्तराखंड में भी रोडवेज बसों का चक्काजाम है। सभी चालकों ने बस संचालन करने से इनकार कर दिया है। हजारों यात्री परेशान होकर इधर उधर भटक रहे हैं। किसी भी राज्य की रोडवेज बस भी नहीं आ रही और वहीं जो बसें कल बाहर गई थी, वो अब वापस लौट रही। वहीं, हरिद्वार, देहरादून और रुड़की में भी हिट एंड रन कानून के विरोध में जमकर प्रदर्शन हो रहा हैं। देहरादून में जहां बाहर से आने वाले वाहनों को ऑटो व टैक्सी चालकों ने आइएसबीटी के पास मुस्कान चौक पर रोक दिया, जिससे वहां पर काफी भीड़ लग गई। मौके पर पहुंची पुलिस से प्रदर्शनकारियों की नोकझोंक हुई। इसके बाद भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर डंडे बरसाए।
वहीं हरिद्वार में बहादराबाद-सिडकुल फोरलेन पर ट्रक चालकों ने बीच रोड पर गाड़ी खड़ी कर कर विरोध जताया। इस दौरान आम लोगों को तो परेशानी झेलनी पड़ रही है वहीं गाड़ियों का लंबा जाम लग गया। हालांकि ट्रक चालक फैमिली की गाड़ियों को जाने दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि जब भी कोई दुर्घटना होती है तो ड्राइवर बचने के इरादे से नहीं भागता बल्कि, बेकाबू होती भीड़ से खुद की जान बचाने के लिए भागता है। ऐसे में उस पर सजा का प्रावधान और जुर्माना लगाना ठीक नहीं है।
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