Connect with us

निर्देश: अपने ही बच्चे से मिलने को तड़प रही मां, महिला आयोग अध्यक्ष ने पुलिस को दिए ये निर्देश…

उत्तराखंड

निर्देश: अपने ही बच्चे से मिलने को तड़प रही मां, महिला आयोग अध्यक्ष ने पुलिस को दिए ये निर्देश…

देहरादून में अपने ही बच्चे से मिलने को तड़प रही मां की उत्तराखंड राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने गुहार सुन ली है। आयोग अध्यक्ष ने एसपी देहरादून को निर्देशित किया है कि शीघ्र अतिशीघ्र उक्त पीड़ित मां को उसका बच्चा सकुशल वापिस दिलाया जाए।

मिली जानकारी के अनुसार देहरादून में गुरूवार को एक महिला न्याय की गुहार लेकर उत्तराखंड राज्य महिला आयोग के कार्यालय पहुंची। जहां उसने बताया कि उसके पति द्वारा उसके दो वर्ष के बच्चे को उससे दूर कर दिया गया है। वह पिछले एक हफ्ते से अपने बच्चों से मिलने के लिए तड़प रही है परंतु उसके पति द्वारा उसको उसके बच्चे से नहीं मिलाया जा रहा है।

महिला ने बतायाा कि आपसी कलह के कारण पति द्वारा इस प्रकार के घटना को अंजाम दिया गया। मेरा बच्चा अभी 2 साल का भी पूरा नही हुआ है। जिसे माँ के दूध की अत्यंत आवश्यकता है, परंतु मेरा पति मुझे मेरे बच्चे से मिलने नहीं दे रहा है। मेरा पति 31 मई को मुझसे मेरा बच्चा चुपचाप छिपा कर कहीं ले गया है और इतने दिनों से मुझे मेरे बच्चे से नही मिलाया जा रहा है।

मामले में आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने त्वरित कार्यवाही करते हुए एसपी देहरादून को निर्देशित किया है कि शीघ्र अतिशीघ्र उक्त पीड़ित मां को उसका बच्चा सकुशल वापिस दिलाया जाए ताकि उसकी माँ उसे स्तनपान करा सके, जो कि बच्चे का भी अधिकार है और पीड़ित माँ का भी।

यह भी पढ़ें 👉  आपदा: मसूरी में मालरोड पर पहाडी का हिस्सा टूटा, बाइक चपेट मे...

उन्होंने कहा की हिंदू अल्पसंख्यक और संरक्षकता अधिनियम, 1956 के सेक्शन 6 के अनुसार, 5 वर्ष से कम आयु के हिंदू बच्चे को माता की देखरेख में रखा जाता है क्योंकि इस उम्र में केवल माँ ही बच्चे को उचित भावनात्मक, शारीरिक, नैतिक सहारा दे सकती है। कानून व अधिकारों के अनुसार 7 वर्ष से कम आयु के बच्चे को कोई भी उसकी माँ से अलग नही कर सकता है और हमारा कानून इस अपराध की अनुमति नही देता है।

Latest News -
Continue Reading
Advertisement
Advertisement

उत्तराखंड

उत्तराखंड

देश

देश
Advertisement
Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

To Top
Share via
Copy link