उत्तरकाशी
पंचतत्व में विलीन हुए वरिष्ठ नेता जगमोहन रावत…
जनपद उत्तरकाशी के सीमांत क्षेत्र भटवाड़ी प्रखंड के पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख और वरिष्ठ नेता जगमोहन रावत जी के आकस्मिक निधन के बाद उनके पैतृक घाट पर पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। कल रात हृदय गति रुकने के कारण उनका निधन हो गया। जैसे ही यह दुखद समाचार क्षेत्र में फैला, सुबह से ही उनके निज आवास ग्राम बारसू में शोक व्यक्त करने वालों का तांता लग गया।
दोपहर 12 बजे उनके पार्थिव शरीर को रथ यात्रा के माध्यम से गांव बारसू से पाला होते हुए स्वारीगाड़ स्थित पैतृक घाट तक लाया गया। इस दौरान लोगों ने “जब तक सूरज चांद रहेगा, जगमोहन तेरा नाम रहेगा” के नारों से उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके पुत्रों ने मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया।
जगमोहन रावत जी को अंतिम विदाई देने के लिए क्षेत्र के विभिन्न गांवों से बड़ी संख्या में लोग जुटे। क्षेत्रवासियों ने कहा कि वे जनसरोकारों से जुड़े हुए एक कुशल नेता और व्यवहारकुशल व्यक्ति थे, जो सदैव लोगों के सुख-दुख में सहभागी रहते थे। लोगों का यह भी कहना रहा कि वे क्षेत्र के सिरमौर थे और हर किसी के चहेते राजनेता थे। उनके जाने से क्षेत्र में एक प्रकार का शून्य पैदा हो गया है।
स्वर्गीय जगमोहन रावत जी की स्मृतियां हमेशा क्षेत्रवासियों के दिलों में जीवित रहेंगी। उनके योगदान और सरल स्वभाव को याद करते हुए लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।
इस अवसर पर गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान, पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, सूरतराम नौटियाल, भाजपा नेता जगमोहन रावत, घनानंद नौटियाल, राघवानंद नौटियाल, मुनेन्द्र सिंह रावत, राजकेंद्र थनवान, सहित कई जनप्रतिनिधि और क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 पहाड़ी खबरनामा के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
Latest News -
उत्तराखंड में बिना पंजीकरण प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों पर लगेगी लगाम, स्वास्थ्य सचिव ने जारी किया सख्त आदेश
जिला प्रशासन ने 24 घंटे भीतर तैयार कराया आपदाग्रस्त बटोली गांव में दूसरा वैकल्पिक रास्ता
2030 तक भारत में 70% चौबीस घंटे स्वच्छ बिजली संभव, हर साल 9 हज़ार करोड़ की बचत
भगवान सूर्य की मूर्ति के जलाभिषेक के लिए कलश यात्रा का फ्लैग ऑफ किया
मीजल्स (खसरा) एवं रुबेला उन्मूलन के विशेष टीकाकरण अभियान की तैयारियों पर बैठक
