Connect with us

रुद्रप्रयाग : जिलाधिकारी ने बाल विवाह रोकथाम व बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रमों की समीक्षा की

उत्तराखंड

रुद्रप्रयाग : जिलाधिकारी ने बाल विवाह रोकथाम व बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रमों की समीक्षा की

रुद्रप्रयाग: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मिशन वात्सल्य योजनांतर्गत जारी मार्गदर्शिका के अनुसार, जिला मजिस्ट्रेट प्रतीक जैन की अध्यक्षता में जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक आज जिला कार्यालय स्थित एनआईसी कक्ष में आयोजित की गई। बैठक में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 27(8) के अंतर्गत समिति के कार्यों का पुनर्विलोकन किया गया।

बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद में बाल विवाह रोकथाम हेतु की गई कार्रवाई तथा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि जखोली और ऊखीमठ ब्लॉकों को केंद्र में रखकर विशेष जन-जागरूकता कार्यक्रमों की कार्ययोजना बनाई जाए जिससे बाल अपराधों में कमी आए साथ ही, जिलाधिकारी ने जनपद में पोक्सो एक्ट के अंतर्गत दर्ज मामलों की विस्तृत जानकारी ली गई। जिलाधिकारी ने किशोर न्याय बोर्ड तथा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर की भी समीक्षा की। अधिकारियों ने अवगत कराया कि यह हेल्पलाइन विकास भवन से 24×7 संचालित हो रही है तथा अप्रैल माह से अब तक इसमें 113 कॉल प्राप्त हुई हैं, जिनमें प्रमुख रूप से मिसिंग चाइल्ड, छात्रवृत्ति, छेड़खानी, बाल विवाह एवं मारपीट जैसी शिकायतें दर्ज की गई हैं।

बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत ल जनपद रुद्रप्रयाग में 208 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है।

बैठक में यह भी साझा किया गया कि जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति द्वारा बाल विवाह की शिकायतों पर मौके पर पहुँचकर विवाह रुकवाए गए तथा बच्चों एवं उनके माता-पिता को इस संबंध में जागरूक किया गया, वहीं मिसिंग चाइल्ड से संबंधित मामलों में परिजनों की सहायता कर बच्चों को सुरक्षित वापस लाने की कार्यवाही की गई। समिति ने छेड़खानी एवं शोषण जैसे मामलों में संबंधित थाना एवं पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय कर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की। इसके अतिरिक्त, जरूरतमंद बच्चों को अस्थायी आश्रय गृहों एवं शेल्टर होम्स में स्थानांतरित कर आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराया गया। इसके अतिरिक्त समिति के समक्ष पेश किए गए बच्चों का संज्ञान लेकर उनकी सुरक्षा, संरक्षण एवं भलाई हेतु जांच की गई, व्यक्तिगत देखरेख योजना के आधार पर संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के पुनर्वास या प्रत्यावर्तन की व्यवस्था की गई तथा अनाथ, परित्यक्त बच्चों को समुचित जांच के बाद दत्तक ग्रहण हेतु वैध रूप से स्वतंत्र घोषित किया गया है। बच्चों की आयु, लिंग, अक्षमता एवं संस्था की उपलब्ध क्षमता के अनुसार उपयुक्त पंजीकृत संस्थाओं का चयन किया गया तथा लैंगिक शोषण के शिकार बच्चों के पुनर्वास हेतु पोक्सो एक्ट व विशेष किशोर पुलिस इकाई के साथ समन्वय कर कार्रवाई की गई है।
माता-पिता द्वारा परित्याग की स्थिति में परिजनों को पुनर्विचार का अवसर देते हुए परिवार को साथ रखने के प्रयास किए गए एवं परित्यक्त या खोए हुए बच्चों को उनके परिवार में सुरक्षित प्रत्यावर्तित करने के लिए सम्यक प्रक्रिया का पालन किया गया।

यह भी पढ़ें 👉  किस कार्यक्रम में शिखा मंत्री ने किया प्रतिभाग, हुआ समझौता ज्ञापन

बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी/जिला बाल संरक्षण अधिकारी अखिलेश मिश्रा, प्रभारी सीडीओ एवं मुख्य कृषि अधिकारी लोकेन्द्र बिष्ट, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोद घिल्डियाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी टी. आर. मलेठा सहित बाल कल्याण समिति के सदस्य, समाजसेवी एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

Latest News -
Continue Reading
Advertisement
Advertisement

उत्तराखंड

उत्तराखंड

Advertisement

देश

देश
Advertisement

Advertisement Video

ट्रेंडिंग खबरें

Advertisement Video

Advertisement
To Top
0 Shares
Share via
Copy link