उत्तराखंड
फ़ोर्स: कांवड़ सुरक्षा में पुलिस की ‘स्पेशल’ फोर्स…
हरिद्वार। देवभूमि उत्तराखंड के हरिद्वार और ऋषिकेश मे 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा प्रारम्भ हो गई है। जिसको लेकर पुलिस चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के दृष्टि तैनात है। ऐसे मे पुलिस प्रशासन किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतना चाहती है।
मंगलवार की देर शाम पुलिस की (QRT) क्विक रिस्पॉन्स टीम ने इंस्पेक्टर रितेश शाह की अगुवाई मे मेला क्षेत्र के अलग अलग स्थानों पर निरीक्षण अभियान चलाया गया।टीम मे डॉग स्क्वाड ने मेला क्षेत्र मे आये कांव्डियों के वाहन और उनके सामानो की चेकिंग की। स्क्वाड की नजरो से कोई भी उपद्रवी बच न सके इसको लेकर पूरे मेला क्षेत्र मे डॉग स्क्वाड को घुमाया जा रहा है। बता दें कि हिन्दुओ के इस पवित्र त्यौहार मे नीलकंठ दर्शन करने बाहरी प्रांतो से करोड़ों शिवभक्त आते हैं। लाजमी है कि शिवभक्तों की भीड़ को नियंत्रण मे रखने के लिए पुलिस को भी कड़ी मशक्क्त करनी पड़ती है। इसी भीड़ मे कई बार आसामजिक तत्व भी घुस जाते हैं, जिनका काम पावन पर्व की शांति और सौहार्द को बिगाड़ना रहता है।
ऐसे मे पुलिस ने कमर कसी हुई है। जिसको लेकर पुलिस अनेक माध्यमो से सुरक्षा मे तैनात है और किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है। नीलकंठ महादेव जाने वाले मार्ग के बीच टिहरी जनपद के मुनिकिरेती, राम झूला, लक्ष्मण झूला और जानकी सेतु पड़ते हैं, जंहा भोले के भक्तों का करोड़ों की संख्या मे आवागमन बना रहता है। लिहाजा टिहरी जनपद की पुलिस को पार्किंग, यातायात, एवं सुरक्षा व्यवस्था मे पूरी ताकत झोंकनी पड़ती है। थाना प्रभारी रितेश शाह ने बताया कि मेले के दौरान सबसे अधिक शांति और सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए पुलिस बल प्रतिब्ध है। जिसके चलते सभी पुलिसकर्मियों को मेले से पूर्व कई बार ब्रीफ किया गया है।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 पहाड़ी खबरनामा के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
Latest News -
उत्तराखण्ड में नेक्स्ट-जनरेशन डेटा सेंटर स्थापित किया जाएगा, मुख्यमंत्री ने की ये घोषणाएं
एचआईवी/एड्स जागरूकता में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को किया गया सम्मानित
स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष में ₹ 51 लाख की धनराशि का योगदान दिया गया
ऑरेंज अलर्ट के चलते मंगलवार 12 अगस्त को चंपावत जिले के समस्त विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित
समस्या निस्तारण के साथ ही डीईओसी से वायरलेस व दूरभाष पर अपनी क्यूआरटी से आपदा सम्बन्धी अपडेट लेते रहे डीएम
