Connect with us

यूपीईएस यूनिवर्सिटी ने युवा महिलाओं में स्तन स्वास्थ्य जागरूकता मज़बूत करने के लिए बीसीवाईडब्ल्यू फाउंडेशन के यूथ चैप्टर की शुरुआत की

उत्तराखंड

यूपीईएस यूनिवर्सिटी ने युवा महिलाओं में स्तन स्वास्थ्य जागरूकता मज़बूत करने के लिए बीसीवाईडब्ल्यू फाउंडेशन के यूथ चैप्टर की शुरुआत की

देहरादून- 02 दिसंबर 2025: उत्तराखंड की प्रमुख बहुविषयी संस्था यूपीईएस यूनिवर्सिटी, जो छात्रों के समग्र अकादमिक और व्यक्तिगत विकास के लिए प्रतिबद्ध है, ने अमेरिका स्थित ब्रेस्ट कैंसर इन यंग वीमेन (BCYW) फाउंडेशन के यूथ चैप्टर की शुरुआत की है।

इस पहल का उद्देश्य युवा महिलाओं को स्तन स्वास्थ्य, रोकथाम और प्रारंभिक पहचान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना है, साथ ही पुरुष छात्रों को भी अपने समुदायों में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना है।

यह यूथ चैप्टर यूपीईएस में औपचारिक रूप से लॉन्च किया गया हैं। इस अवसर पर स्कूल ऑफ़ हेल्थ साइंसेज़ एंड टेक्नोलॉजी के छात्रों, फ़ैकल्टी और नेतृत्व ने हिस्सा लिया, जो सामाजिक रूप से ज़िम्मेदार और स्वास्थ्य-सचेत कैंपस समुदायों को बढ़ावा देने के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। विभिन्न स्कूलों और विभागों के छात्र नेताओं की भागीदारी ने इस पहल की सहयोगात्मक और समावेशी भावना को और मज़बूत किया।

यह चैप्टर प्रोफ़ेसर पद्मा वेंकट, पीएचडी, डीन—स्कूल ऑफ़ हेल्थ साइंसेज़ एंड टेक्नोलॉजी के नेतृत्व में स्थापित किया गया, जिसे डॉ. ध्रुव कुमार, पीएचडी, प्रोफ़ेसर एवं क्लस्टर हेड—एलाइड हेल्थ साइंसेज़, तथा डॉ. ज्योति उपाध्याय, पीएचडी, एसोसिएट प्रोफ़ेसर एवं कोऑर्डिनेटर—क्लीनिकल रिसर्च का सहयोग प्राप्त हुआ।

कार्यक्रम के दौरान, डीन वेंकट ने निवारक स्वास्थ्य देखभाल और छात्र कल्याण के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया। बीसीवाईडब्ल्यू फाउंडेशन के सीईओ, डॉ. राकेश कुमार ने यह आशा व्यक्त की कि यह यूथ ब्रेस्ट हेल्थ चैप्टर आगे चलकर विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों में एक व्यापक आंदोलन का रूप लेगा।

लॉन्च इवेंट में 90 मिनट के इंटरैक्टिव सत्र के बाद विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत चर्चाएँ हुईं। इनमें शामिल थे—
• डॉ. राकेश कुमार, पीएचडी, सीईओ, BCYW फाउंडेशन, डॉ. वर्तिका सक्सेना, MBBS, MD, प्रोफ़ेसर एवं हेड, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग, AIIMS ऋषिकेश, डॉ. गर्गी पांडे, MBBS, MD, सीनियर रेज़िडेंट, कम्युनिटी मेडिसिन, AIIMS ऋषिकेश, काजल मलिक और रुचि नेगी, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, हिमालयिया कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग, स्पर्श हिमालया यूनिवर्सिटी।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्य सचिव ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर सैनिकों को नमन, खिलाड़ियों को किया सम्मानित

सत्रों में मुख्य रूप से निम्न विषयों पर चर्चा की गई—
• सामान्य स्तन स्वास्थ्य को समझना और स्वयं देखभाल का महत्व

• प्रारंभिक पहचान और सेल्फ-एक्ज़ामिनेशन की विधियाँ
• स्तन कैंसर से जुड़े आम मिथक और भ्रम

• जीवनशैली के कारण बढ़ने वाले स्तन कैंसर के जोखिम

• चिकित्सकीय सलाह को प्राथमिकता देना और सक्रिय स्वास्थ्य-संबंधी व्यवहार

• BCYWF और यूथ चैप्टर के स्तन स्वास्थ्य संसाधनों तक पहुँच

इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में छात्रों द्वारा तैयार किए गए पोस्टर प्रस्तुतिकरण भी शामिल थे, जिससे लॉन्च के बाद भी जागरूकता प्रयास जारी रखने को प्रेरणा मिली। छात्रों ने विशेषज्ञों के साथ खुले संवाद में हिस्सा लिया, जिससे स्तन स्वास्थ्य पर बातचीत को सामान्य बनाने और इससे जुड़े सामाजिक संकोच को कम करने में मदद मिली।

यह भी पढ़ें 👉  धामी सरकार के निर्देशों से मेडिकल शिक्षा को नई रफ्तार पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज निर्माण निर्णायक चरण में

यूपीईएस में BCYW फाउंडेशन के यूथ चैप्टर की स्थापना युवा महिलाओं को अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा और समुदाय में व्यापक जागरूकता बढ़ाने के लिए ज्ञान और आत्मविश्वास प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल ऐसे समय में शुरू हुई है जब स्तन कैंसर सभी आयु वर्ग की महिलाओं में सबसे आम कैंसर बना हुआ है। अनुमान है कि भारत में 2040 तक स्तन कैंसर का औसत निदान उम्र 33.73 वर्ष होगी — यानी आज की 18–19 वर्ष की युवा महिलाएँ भविष्य में जोखिम वाली आयु में प्रवेश करेंगी। शुरुआती उम्र में जागरूकता और सशक्तिकरण महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण पर दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
                   

👉 हमारे वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें

                   

👉 फेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल सब्स्क्राइब करें

Latest News -
Continue Reading
Advertisement
Advertisement

उत्तराखंड

उत्तराखंड

Advertisement

देश

देश
Advertisement

Advertisement Video

ट्रेंडिंग खबरें

Advertisement Video

Advertisement
To Top
Share via
Copy link